THE BEST SIDE OF SHIV CHAISA

The best Side of Shiv chaisa

The best Side of Shiv chaisa

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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

Victory for the husband of Girija, the compassionate Lord. He usually guards and nurtures his devotees and youngsters. With a crescent moon adorning his forehead, And earrings product of snakes’ hoods.

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

बृहस्पतिदेव की कथा

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने Shiv chaisa में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

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अस्तुति चालीसा Shiv chaisa शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

O Superb Lord, consort of Parvati You will be most merciful. You usually bless the inadequate and pious devotees. Your wonderful type is adorned While using the moon on the forehead and on your own ears are earrings of snakes’ Hood.

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

संकट में पूछत नहिं कोई ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी ।

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

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